वक्त तुम्हारा भी बदलेगा
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा
जब सुख ही हमेशा स्थिर नही रह पाता है
तो दुःख स्थिर कहां रह पायेगा
अपने मन को निर्मल कर लें
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
आओ हम सब साहस करें
कैलेंडर के पन्ने पलटते जाते है
आज भी अमर है भागीरथ का नाम
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
करों ना ऐसा काम तुम
कि जग हंसाई हो सज्जनों
शिकवे गिले को भूलकर सबसे गले मिलें
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
शुरुआत करूं मैं कैसे दिन की
बस इस पर थोड़ा विचार करना है
खुद की छवि को पाक साफ रखना है
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
संसार के सारे रहस्य लिख दूं
मेरे कलम की यह अभिलाषा है
पीड़ा सहकर भी हंसते रहना
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
अहंकार से मानव का होता है पतन
सब मिलकर परिवार में रहें ऐसा हो जतन
मानव हो,मानव मन की पीड़ा जान
वक्त तुम्हारा भी बदलेगा।
नूतन लाल साहू
Mohammed urooj khan
16-Apr-2024 11:42 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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kashish
12-Apr-2024 03:02 PM
Amazing
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kashish
12-Apr-2024 03:02 PM
Superb
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